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शेयर मार्केट क्या हैं यह काम कैसे करता हैं

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आजकल के समय मे हर कोई शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहता हैं सभी शेयर मार्केट में निवेश करके एक अच्छा रिटर्न् चाहते हैं, किन्तु प्रॉपर जानकारी न होने के कारण वो शेयर मार्केट में या तो निवेश नहीं करते या फिर गलत जानकारी के कारण उनका किया हुआ निवेश डूब जाता हैं।

तो दोस्तों आपको चिंता करने की कोई बात नहीं क्योंकि सीखो बिज़नेस आपको बिल्कुल सही और सटीक जानकारी लाता रहेगा। शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले चलिए पहले जान लेते हैं, आखिर शेयर मार्केट काम कैसे करता हैं? ये इसकी शुरुआत होती कैसे हैं?

दोस्तों अगर आप कोई बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं किन्तु आपके पास पैसे न हो, तो आप क्या करोगे? आपके पास क्या क्या तरीके हो सकते हैं पैसे जुटाने के लिए?

  • परिवार वालों से मांग सकते हैं
  • रिस्तेदारों से मांग सकते हैं
  • खुद की savings कर सकते हैं

लेकिन अगर आपको ऐसा बिज़नेस करना हैं जिसके लिए आपको करोड़ो रूपये चाहिए। तो ऐसे में मुश्किल हैं कि आपके दोस्त या रिस्तेदारों के पास इतने पैसे हो या वो इतने पैसे दें पायें। हो सकता हैं बैंक आपको उतने पैसे दे दें, पर कई बार तो बिज़नेस को खड़े होने में ही सालों लग जाते हैं पर बैंक तो अगले महीने से ही EMI लेना चालू कर देगा तो इस situation में आप बैंक की क़िस्त कहा से देंगे? ऐसे बिज़नेस जिसमे शुरूआती दौर में पैसा तो खूब लगता हैं पर मुनाफा कमाने में साल लग जाते है। तो ऐसी कंडीशन में बैंक से लोन लेना बिल्कुल भी सही नही होगा।

आपके पास दूसरा एक और रास्ता है पार्टनरशिप का मतलब की आप किसी ऐसे इंसान को ढूंढे जो आपके बिज़नेस में पैसा लगाने को तैयार हो जाये, और बदले में आप उसे अपने बिज़नेस में कुछ हिस्सेदारी दे दें। अब वो आपके साथ ही साझेदारी में बिज़नेस कर रहा हैं तो उसे मासिक, वार्षिक या EMI में पैसा देने की कोई जरूरत नहीं होगी। अगर बिज़नेस में मुनाफा होगा तो आपके द्वारा किये गए समझौते के अनुसार दोनों में मुनाफ़ा बांटा जाएगा। इस तरह आपका बिज़नेस चल तो पड़ा और मुनाफ़ा भी आने लगा।

किन्तु अभी आपको अपना बिज़नेस और बड़ा करना हैं लेकिन अभी उतना प्रॉफिट नहीं हो रहा तो ऐसे में आती है एंजेल फंडिंग कंपनियां ।

वेन्चर कैपिटल या एंजेल फंडिंग कंपनियां किसे कहते हैं?

वेन्चर कैपिटल या एंजेल फंडिंग कंपनियां वो कंपनियां होती हैं जो पहले से उभरती हुई कंपनियों में निवेश करते हैं। जब तक कम्पनी प्रॉफिट में न हो तबतक इन्हें कुछ नही चाहिए होता इन्हें बस उस कंपनी में हिस्सेदारी चाहिए होती हैं जिसमे भी वो निवेश करते हैं । लेकिन ये ऐसे ही किसी कंपनी में निवेश नहीं करते पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से स्टडी करते हैं उसके बाद ही निवेश करते हैं।

तो हम भी अपने बिज़नस को एक्सपेंड करने के लिए इनके पास मदद के लिए जायेंगे, लेक़िन जब आप इन कंपनियों के पास जाएंगे तो ये कहेंगे कि हम पार्टनरशिप में इन्वेस्ट नहीं करते पहले अपने बिज़नेस को एक कंपनी बनाइए। एंजेल फंडिंग कंपनी आपके बिज़नेस में तभी इन्वेस्टमेंट करेगी जब आपका बिज़नेस एक कंपनी के फर्म में होगा। क्योंकि कंपनी में shares को खरीदना बेचना, हिस्सेदारी बढ़ाना घटना आसान होता हैं।

और जब आपकी कंपनी successful हो जाएगी तो ये एंजेल फंडिंग कंपनियां अपना स्टैग बेच कर निकल जाती हैं। अब आपका बिज़नेस बहुत ही तेज़ी से बढ़ रहा हैं, मुनाफ़ा भी हो रहा हैं लेक़िन अब आपको अपने बिज़नेस को और बड़ा करना हैं देशभर में अपनी शाखाएँ डालनी हैं और इसके लिए आपको 400-500 करोड़ रुपयों की आवश्कता हैं। तो ऐसे में वेंचर कैपिटल जैसी कंपनियां भी इतना पैसा देने से मना कर देती हैं।

तो अब आपके पास सिर्फ एक आखरी रास्ता बचता हैं, पब्लिक से पैसा उठाने का आपके और मेरे जैसे लोगों से दस-दस , बीस-बीस हज़ार रुपये उठाने का ऐसे में कुल मिलाकर 400 से 500 करोड़ रुपये इकट्ठे हो जाएंगे। अगर आपने GURU मूवी देखी हैं तो ये वाली क्लिप जरूर देखी होगी ।

शेयर मार्केट का काम कैसे होता है?

अब यह से शुरुआत होती हैं शेयर मार्केट की अब आप अच्छे से समझ पाएंगे क्या होता हैं शेयर मार्केट? शेयर बाजार एक ऐसा तरीका हैं जिसके जरिये कंपनियां जनरल पब्लिक को अपनी कंपनी में हिस्सेदारी ऑफर करती हैं।

कोई भी कंपनी अगर अपने शेयर्स को पब्लिक में issue करना चाहती हैं, तो इसके लिए सबसे पहले उस कंपनी को स्वयं को सेबी में लिस्टेड करवाना होगा तभी वो पब्लिक में अपने शेयर्स को इशू कर पायेगी। तभी उसके शेयर की खरीदी बिक्री हो पायेगी। सेबी में किसी भी कंपनी को लिस्टेड करवाने के लिए कुछ कुछ डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती हैं जिसे RHP कहा जाता हैं।

Red Herring Prospectus (RHP)

प्रोस्पेक्ट्स एक प्रकार से कंपनी की जन्मकुंडली हैं, जिसमें कंपनी के बारे में आपको सब कुछ मिल जाएगा कि कंपनी कब शुरू हुई थी, क्या करती हैं, कितने समय से काम कर रही हैं, उसका MD, CEO कौन हैं, उनका एजुकेशन लेवल क्या हैं, IPO की क्या कीमत हैं, कितने शेयर इशू किये हैं, शेयर्स के द्वारा जो पैसे आएंगे उसे कहा यूज़ करेगी, इत्यादि।

आपको सभी प्रकार की जानकारी प्रोस्पेक्ट्स में मिल जाएगी तो जब भी आप किसी कंपनी के शेयर्स में निवेश करो तो इसे जरूर पढ़ लेना। ये आपको सेबी की वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगी। क्योंकि जब भी कोई कंपनी स्वयं को सेबी में लिस्टेड करवाती हैं तो उसे सबसे पहले अपना RHP सेबी को देना होता हैं। सबसे पहले सेबी उसे वेरीफाई करती हैं उसके बाद ही उसे अप्रूवल मिलता हैं, इसमें 1 महीने से लेकर 2 साल तक का भी समय लग सकता हैं।

SEBI क्या हैं?

SEBI का पूरा नाम Securities and Exchange Board of India जिसे हिंदी में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड कहा जाता हैं। इसकी स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को की गई थी।

शेयर मार्केट में जितने भी लिस्टेड कंपनी हैं सेबी उन सबको मैनेज करती हैं, इसे सभी लिस्टेड कंपनियों का बॉस कह सकते हो। क्योंकि सभी कंपनियां इसी की निगरानी में काम करती हैं, जैसा कि शेयर मार्केट में बहुत से लोग खरीद बिक्री करते हैं। ऐसे में अगर किसी भी निवेशक के साथ कुछ गलत होता हैं तो निवेशक सेबी में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता हैं। सेबी के पहले काम ही निवेशकों के हितों की रक्षा करना हैं।

IPO (Innital Public Offering)

जब भी कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर को इशू करती हैं तो इसे IPO कहा जाता हैं। IPO में पैसा जितनी तेजी से कमाया जाता हैं ठीक उतनी ही तेजी से गवाया भी जाता हैं। क्योंकि कोई भी कंपनी IPO कब लाती हैं जब उसे अपनी कंपनी को एक्सपेंड करना हो यानी जब हम IPO लेते हैं तो वो पैसे सीधे कंपनी को जाता है, और कंपनी उस पैसे को मशीनरी खरीदने या बिज़नेस को एक्सपेंड करने में खर्च कर देती हैं।

मान लो अगर वो कंपनी डूब गई तो आपके पैसों का क्या होगा आपके खरीदे गए IPO की कोई वैल्यू नही रहेगी। लेकिन अगर वो कंपनी चल पड़ी तो आपके IPO की कीमत बहुत ही तेज़ी से बढ़ जाएगी।

अब अगर आपको अपने पैसे वापिस चाहिए या फिर उस IPO को आप बेचना चाहते हैं तो कंपनी तो आपके पैसे देगी नहीं। क्योंकि कंपनी ने आपके द्वारा दिए गए पैसों को अपने बिज़नेस में निवेश कर दिए हैं, अब सवाल आता हैं आप अपने शेयर या IPO को कैसे और कहा Sell करेंगे? तो ऐसे में बात आती हैं एक्सचेंज की तो चलिए जानते हैं एक्सचेंज के बारे में।

स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका क्या है?

शेयर मार्केट में स्टॉक एक्सचेंज का बहुत महत्व हैं स्टॉक एक्सचेंज में वे सभी कंपनियां लिस्टेड होती हैं जिनके पास शेयर्स होते हैं। यह एक बाजार हैं जहाँ पर आप अपने शेयर या IPO को किसी और को बेच सकते हैं। उदहारण ले लिए किसी को MRF के शेयर्स खरीदने हैं पर MRF का IPO तो बार बार आएगा नही तो ऐसे में ये एक्सचेंज आपकी मदद करता हैं जिसे शेयर बेचना हैं वो बेचने के लिए एक्सचेंज में अपना Sell आर्डर डाल देगा और खरीदने वाला Buy आर्डर  लगाएगा तो खरीदने वाले को वह शेयर मिल जाएगा।

स्टॉक एक्सचेंज किसी भी कंपनी और निवेशक के बीच मध्यस्थ का काम करती हैं। जब भी किसी कंपनी को शेयर मार्केट से पैसा बनाना होता हैं तो वह कंपनी अपने आपको स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करवा लेती है ताकि लोग उस कंपनी के शेयरों की खरीद बिक्री कर सके। इसके बाद उन शेयरों की कीमत डिमांड और सप्लाई पर ही आधारित रहती हैं।

भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं?

वैसे तो भारत मे कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं लेकिन उनमें से केवल दो ही स्टॉक एक्सचेंज को स्वीकृत किया गया हैं NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकी के 21 स्टॉक एक्सचेंज में से 15 को सेबी ने बंद करने का आदेश भी दे दिया हैं। भविष्य में भी भारत मे सिर्फ 2 ही स्टॉक एक्सचेंज प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.

NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज हैं, भारत मे सबसे ज्यादा खरीद बिक्री NSE में ही होती हैं। इसकी स्थापना सन 1992 में हुई थी। NSE का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी हैं, NSE में 1696 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज हैं, जिसने इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शेयर को Buy और Sell करना शुरू किया था।

BSE (Bombay Stock Exchange): BSE सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसकी स्थापना सन 1875 में हुई थी। BSE का बेंचमार्क सेंसेक्स हैं, BSE में 5749 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। भारत मे सर्वप्रथम Equity Derivatives ट्रेडिंग की शुरुआत BSE ने ही किया था।

निफ़्टी और सेंसेक्स क्या हैं?

Nifty 50: यह शब्द National + Fifty से मिलकर बना हैं, ये NSE का इंडेक्स हैं जिसमें NSE में लिस्टेड सभी कंपनियों में से अलग अलग सेक्टर से कुल 50 कंपनियों को उठा कर निफ़्टी में शामिल किया गया हैं। जिसमें सभी सेक्टर की कंपनियां मौजूद होती हैं, अगर कभी मार्केट के भाव मे उतार चढ़ाव देखना हो तो सिर्फ निफ़्टी को देख कर पूरे मार्केट का हाल जाना जा सकता हैं।

Sensex: यह शब्द Sensitive + Index से मिलकर बना हुआ हैं, ये BSE का इंडेक्स हैं। इसमें बड़ी बड़ी कुल 30 कंपनियों के शेयर्स को शामिल किया गया हैं, इनमें भी NSE की तरह सभी सेक्टर की कंपनियां शामिल है। इसमे सभी कंपनियों का एवरेज निकाल कर आपको एक अलग नंबर दिखाया जाता हैं, जिससे आप मार्केट का हाल जान सकते हो।

शेयर कैसे खरीदे – How To Buy Shares

शेयर खरीदने के लिए आपको कही भी जाने की जरूरत नही होती इसे आप अपने घर बैठे ही अपने फ़ोन या लैपटॉप के माध्यम से ही खरीद सकते हैं। किन्तु उसके लिए आपको एक डिमैट और एक ट्रेडिंग एकाउंट खुलवाना होगा अगर आपके पास कोई बैंक खाता नहीं हैं तो आपको एक सेविंग बैंक एकाउंट भी खुलवाना होगा।

Demat account: डिमैट एकाउंट एक ऐसा एकाउंट होता हैं जिसमें आपके शेयर्स सुरक्षित रहते हैं जैसे कि सेविंग एकाउंट में आपका पैसा सुरक्षित रहता हैं। वैसे ही आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स डिमैट एकाउंट में रहते हैं।

Trading account: ट्रेडिंग एकाउंट एक ऐसा एकाउंट होता हैं जिसमें आप अपने शेयर की खरीदी बेची करते हैं। जिसमें पैसा जाएगा और शेयर आएगा या फिर शेयर जाएगा पैसा आएगा। जहा पर ये सब ट्रांसक्शन होते है उसे ट्रेडिंग एकाउंट कहते हैं।

आपके ये दोनों एकाउंट एक ही ब्रोकर के पास एक साथ खुल जाएंगे और आपको पता तक नही चलेगा कि ये दोनो एक अलग अलग एकाउंट हैं। साथ ही इसमें आपके सेविंग एकाउंट को भी इससे जोड़ दिया जाता हैं जिससे पैसा आपके ट्रेडिंग एकाउंट में आएगा।

इस एकाउंट को खुलवाना बहुत ही आसान हैं डिमैट एकाउंट खोलना इसे आप सिर्फ 5 मिनट में घर बैठे खोल सकते हैं। वैसे तो मार्केट में बहुत सारे ब्रोकर्स हैं जिनमें से मेरा पसंदीदा हैं AngelOne क्योंकि इनके एप्लीकेशन को यूज़ करना बहुत ही आसान हैं आप आसानी से इसमें सब कुछ मैनेज कर सकते हैं। बिल्कुल मुफ़्त में आप इस एकाउंट को खोल सकते हैं, Begginers के लिए ये सबसे बेस्ट हैं इसमें आपको ट्रेनिंग प्लेटफार्म भी मिलता हैं।

Open AngelOne Demat account CLICK HERE

एकाउंट खुलने के बाद आपके मोबाइल और ईमेल पर आईडी पासवर्ड का एक मेल आ जायेगा साथ मे आपको एप्लीकेशन का लिंक भी दिया जाएगा अगर न हो तो प्लेस्टोर से आप डाउनलोड कर सकते हैं।

उसके बाद आपको लॉगिन कर लेना हैं फिर अपने सेविंग एकाउंट से कुछ पैसे ट्रांसफर करके कोई भी शेयर्स Buy कर सकते हैं।

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